लक्षण :- कमर का दर्द (Back Pain) ज्यादातर मध्यभाग या निचले भाग में होता है। कमर के निचले भाग में होने वाले दर्द को लोवर स्पोन्डलाईसिस (Lower Spondylosis) भी कहा जाता है।

कारण :- बैठने, उठने लेटने या चलने में सही स्थिति (Posture) की कमी, ऊँची एँड़ी की चप्पल या जूते पहनना, आलस्य पूर्ण जीवन, माहवारी में गड़बड़ी, पोषक तत्वों की कमी, माँसपेशियों की कमजोरी, मोटापा, रीढ़ की हड्डी का विकार, विश्राम एवं व्यायाम की कमी, संधिवात (Arthritis), हड्डियों का खोखलापन (Osteoporosis) या अन्य रोग, ज्यादा नरम एवं गद्देदार बिस्तर पर सोना, भारी सामान उठाना या कोई चोट, स्टेरायड्स इत्यादि दवाओं का सेवन।

उपचार :- भोजन में फल, सलाद, अंकुरित इत्यादि लें। रसाहार लें। चिकनाई युक्त तलाभुना, दही, चीनी, मिर्च-मसाले, चाय, काफी न लें। कैल्शियम, विटामिन सी एवं विटामिन डी प्रधान खाद्य लें। इसके लिए सबसे उत्तम है तिल का दूध ।

प्रतिदिन कम-से-कम 2-5 लीटर पानी अवश्य पीयें। सूर्य स्नान करें एवं सूर्य तप्त सफेद बोतल का पानी पीयें। अधिक दर्द में बर्फ की मालिश करें।

पेट पर मिट्टी की पट्टी, एनीमा, वाष्प स्नान, कमर पर गर्म ठंडा सेंक, रीढ़ स्नान (Spinal Bath), रोग स्थान पर मालिश। तख्त बिस्तर (Hard Bed) पर लेटकर पूर्ण विश्राम। मेरूदंड (रीढ़ की हड्डी) सीधी एवं लचीली रहनी चाहिए।

पीछे झुकने वाले आसन भुजंगासन, धनुरासन, शलभासन, नौकासन इत्यादि करें। आगे झुकने वाले कोई भी व्यायाम नहीं करने चाहिएँ।

चेतावनी: आयुर्वेदाचार्य अथवा डॉक्टर के परामर्श के बिना आप साइट पर दिए हुए सूचना को पढ़कर किसी भी प्रकार की औषधि एवं उपचार का प्रयोग ना करें !!!

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